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सोनहत मूंगफली तेल से महकेगी रसोई और सोनहनी शहद से घुलेगी मिठास राज्यपाल श्री रमेन डेका ने किया शुभारंभ
कोरिया / छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री रमेन डेका ने आज कोरिया जिले के किसानों द्वारा तैयार किए गए ‘सोनहत मूंगफली तेल’ और ‘सोनहनी जैविक शहद’ का शुभारंभ किया। यह पहल किसानों की आय बढ़ाने और जैविक उत्पादों को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मूंगफली की खेती से किसानों को मिलेगा अतिरिक्त मुनाफा
कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से 120 किसानों ने 60 हेक्टेयर भूमि पर मूंगफली की खेती की थी। इस पहल के तहत किसानों को धान के अलावा दलहन, तिलहन और मोटे अनाज की खेती की ओर प्रेरित किया गया।100 रुपए प्रति किलो की दर से मूंगफली की बिक्री और प्रति हेक्टेयर 10-12 क्विंटल की पैदावार की जा रही है। अगले चरण में 120 हेक्टेयर तक उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
राज्यपाल ने कहा कि सोनहत मूंगफली तेल की शुद्धता इसे खास बनाएगी और इससे स्थानीय किसानों को आर्थिक मजबूती मिलेगी।
‘सोनहनी’ शहद कोरिया के किसानों की नई पहचान
राज्यपाल ने ‘सोनहनी’ जैविक शहद का भी शुभारंभ किया, जो बैकुंठपुर और सोनहत के किसानों द्वारा झारखंड से लाए गए इटालियन मधुमक्खियों की मदद से तैयार किया जा रहा है।किसानों को जैविक शहद उत्पादन का प्रशिक्षण दिया गया।राज्यपाल ने कहा मधुमक्खी पालन में नवाचार के लिए असम से विशेषज्ञों की टीम लाई जाएगी इससे जैविक शहद उत्पादन से किसानों को अतिरिक्त आमदनी होगी।
राज्यपाल श्री रमेन डेका ने इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा, यह पहल किसानों की समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ‘सोनहनी’ शहद और ‘सोनहत मूंगफली तेल’ जल्द ही कोरिया जिले की पहचान बनेंगे।
राज्यपाल ने कृषि विज्ञान केंद्र और किसानों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि आने वाले समय में जिले को जैविक उत्पादों के हब के रूप में विकसित किया जाएगा। यह पहल स्थानीय रोजगार बढ़ाने, पर्यावरण संरक्षण और किसानों की आर्थिक उन्नति में एक नई पहचान मिलेगी।