छ: माह होने के बाद भी नही हुए नगर पालिका परिषद की बैठक । 60 दिन में परिषद की बैठक का नियम 180 दिन में भी नहींबुलाई, थमा विकास   वार्ड पार्षद परेशान

छ: माह होने के बाद भी नही हुए नगर पालिका परिषद की बैठक । 60 दिन में परिषद की बैठक का नियम 180 दिन में भी नहींबुलाई, थमा विकास वार्ड पार्षद परेशान

20-Mar-2024    3:31:08 pm    155    सावन कुमार- संपादक

बैकुंठपुर- नगर पालिका परिषद बैकुंठपुर  के नेता प्रतिपक्षअन्नपूर्णा प्रभाकर सिंह ने परिषद कि बैठक कराने के लिये मुख्य  नगर पालिका अधिकारी को पत्र लिखकर ध्यान आकर्षण करवाते हूऐ माग की है। 
नगरपालिका अधिनियम की धारा 51 में नियम 8 के तहत हर 60 दिन में कम से कम एक बैठक बुलाने या कैलेंडर वर्ष में कुल 6 बार बैठक होना चाहिऐ, मगर यहां पर इन नियमों को दर किनार कर दिया गया है। राज्य सरकार के नगरपालिका अधिनियम में साफ तौर पर आदेश है कि नगरीय निकाय की बैठक हर दो महीने में एक बार  होना चाहिए, बैकुंठपुर नगर पालिका परिषद की बैठक लगभग छ: महीने से नहीं हुई है। जबकि हर 2 महीने के अंतराल मे परिषद का विशेष सम्मेलन बुलाने का नियम है। लेकिन बैठक न होने की वजह से शहर में कई विकास कार्यों को जहां मंजूरी नहीं मिल पा रही है। कई निर्माण कार्य अटके हैं। इसके बावजूद  नगर पालिका परिषद बैकुंठपुर के सीएमओ पार्षदों का विशेष सम्मेलन को बुलाने के लिए गंभीरता नहीं दिखा रहे है परिणाम स्वरूप शहर के विकास की योजनाओं पर चर्चा नहीं हो पा रही है। नगर पालिका अधिनियम के तहत निकायों को प्रत्येक 60 दिन के अंतराल मे निर्वाचित पार्षदों का सम्मेलन बुलाना होता है।  वहीं इस संबंध मे नेता प्रतिपक्ष अन्नपूर्णा प्रभाकर सिंह  ने कहा  कि बैठक बुलाने की जिम्मेदारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी की है। उन्हें समय-समय पर बैठकें आयोजित कराना चाहिए
नेता प्रतिपक्ष अन्नपूर्णा प्रभाकर सिंह ने कहा है कि परिषद के विशेष सम्मेलन का पार्षदों को बेसब्री से इंतजार है। इसका कारण यह है कि एक ओर पिछली बैठक में स्वीकृत कार्य जहां शुरू नहीं हो पाने से उनमें आक्रोश है।  
परिषद की बैठक सीएमओ को बुलाना चाहिए , शहर के जनसमस्याओं व विकास कार्यों के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी परिषद ने अपने कामकाज को सुचारू तथा विकेन्द्रीकृत करने के उद्देश्य से कमेटियों का गठन कर इनका अध्यक्ष पार्षदों को बनाया है, लेकिन अधिकांश कमेटियों की बैठक भी समय पर नहीं होने की शिकायत बनी  है।जिससे शहर का विकास रूक सा गया है बहुत सारे पुराने काम जो रुके हुए हैं  और  नये कामो का मंजूरी मिल चुका है वह भी कार्य  चालू नहीं हो रहे हैं कई महीनो से पार्षदों  कर्मचारियों का मानदेय नहीं मिला है  पार्षद अपनी वार्डों की विकास को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं  कई काम ऐसे हैं जो परिषद के बैठक में मंजूरी मिलने के बाद ही संभव है वार्ड ,नगर भ्रमण के दौरान पार्षदों से गणमान्य नागरिकों के द्वारा समस्या बताई जाती है और निराकरण करने के लिए कहा जाता है ।